Fevicol case study
नूड्ल सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले क्या आता हैं सबसे पहले हमारे दिमाग में मैगी आता हैं वैसे ही कोकोनट सुनते ही हमारे मन मे आता पारासूट आता हैं जो हैं नारियल का तेल वैसे ही अगर बात किया जाए नमक का तो सबसे पहले हमारे दिमाग में आता TATA नमक क्योकि TATA नमक से शुद्ध नमक हो ही नहीं सकता और वैसे ही ग्लू मार्केट कि बात करे सबसे पहले दिमाग में आता हैं Fevicol case study
Fevicol क्या आप जानते हैं इन सारे प्रॉडक्ट के मार्केट में कॉमन चीज क्या हैं सबसे कॉमन चीज ये हैं कि ये सारे प्रॉडक्ट किसी न किसी ब्रांड के नाम से फेमस हैं और वह इतने ज्यादा फेमस हैं कि मुह से कभी ना का शब्द निकलता ही नहीं हैं हमेशा यही निकलता हैं

कि भाई एक मैग्गी देना वैसे ही हम लोग फोटो कॉपी करने जाते हैं तो कई लोग फोटो कॉपी के जगह पर जीरोक्स शब्द का भी प्रयोग भी करते हैं जब कि जीरोक्स एक ब्रांड का नाम हैं ये सब ब्रांड अपने मार्केटिंग और branding इस प्रकार किया कि लोगो को उस प्रॉडक्ट का कभी निकलता ही नहीं हैं
केवल उनके ब्रांड का नाम निकलता हैं तो आज के इस आर्टिकल में आपको एक ब्रांड के बारे में जानने को मिले गा इस आर्टिकल में जिसका जोड़ टूटने से भी नहीं टूटता हैं और आज हम लोग बात करने वाले हैं
Fevicol के बारे में “वारेन बफ्फेट” Warren Buffet के एक बहुत ही फेमस इन्वेस्टिंग स्ट्रागे हैं जो हैं “Buy Commodities Sell Branda ! इस तरीके से उन्होने कई सारे mulite bugger स्टॉक से पैसे बने हैं इसमें से एक था कोको-कोला तो इस strage में वारेन बफ्फेट ये कहते हैं कि हमें ऐसे कंपनी को स्क्रीन करना चाहिए
जो बहुत सस्ता हो “ Cheap, Easy to Understand ,और एक बहुत बड़ा ब्रांड हो तो आज इस आर्टिकल में हम Pidilite इंडस्ट्री के बारे में बात करने वाले हैं और इस आर्टिकल बहुत सारे बात पर बात करगे कि कैसे बलवंत पारेख जी niche चीजों को ट्रागेट किया
और कैसे Favicon इंडिया का इतना बड़ा ब्रांड बना और इसे कंपनी के financials चीजों पर क्या असर पड़ा कंपनी पर
- Pixilate
- Why did Mr. Balvant Parekh target Adhesive Market?
- How did Fevicol Become a Brand?
- How does it affect the Financials of Pidilite Industries?
Why did Mr. Balvant Parekh target Adhesive Market
तो फैविकोल का सबसे बड़ा क्रेडिट इस कंपनी के founder Mr. balvant Parekh जी को जाता हैं बलवंत जी गुजरात के एक बहुत छोटे गाव के रहने वाले थे और क्योंकि उनका पूरा फॅमिली पूरा लो और वकीलो से भरा हुआ था तो ये बहुत ही जाहीर सी बात हैं
कि तो उन्होने ने भी अपना स्नातक कि पढिए गुजरात में ही किया क्योंकि उनको लो में इतना interest नहीं था तो वह अपना लो में कैरियर ना बनाने के सोचे उस टाइम जब महात्मा गांधी जी ने Quit India movement चलाया था तो पारेख जी ने उसे जोड़ गए थे Fevicol case study
जब वह धीरे – धीरे जब वह गुजरात से मुंबई सेफ्ट हुए तब उन्हे समझ में आया कि परिवार को चलाने के लिए पैसे कि जरूरत तो बढ़ेगी ही तब उस समय उन्होने गुड नाम कि एक कंपनी में पीओ कि नौकरी किया
और क्योंकि उनकी बिज़नस स्किलल इतना ज्यादा अच्छा था कि उए ट्रेडर के मालिक ने उन्हे financial सपोर्ट करने लगे ताकि वह अपना अपने जीवन में कुछ कर सके तब इसके बाद पारेख जी ने बहुत सारे बिज़नस को try किए dyeing बिज़नस, paper ding बिज़नस, प्रिंटिंग प्रैस और बहुत सारे बिज़नस को भी try किए
लेकिन ये सारे चीज उन्होने बहुत जल्दी ही सब काम को छोड़ देते थे क्योंकि उन्हे कुछ बहुत बड़ा करना था वह इतने से प्रॉफ़िट से संतुष्ट तो होने वाले नहीं थे तब उन्होने अपने भाई के साथ मिल कर एक कंपनी चालू किया जिसका नाम था “Parekh Dyechem industries”और बाद में इस नाम को भी उन्होने चेंज भी किया
और रखा “parekh Dyechem Lite industries”और फिर से उन्होने इस नाम को फिर से चेंज किया और नाम रखा PD.Lite industries और ऐसे ही इस कंपनी का नाम पड़ा Fevicol case study Pidilite कंपनी तो क्या आप इस चीज को जानते थे आप इस चीज को कमेंट में लेखो और बात करते हैं की
How did Fevicol Become a Brand ?
आखिर मे ये कंपनी करती क्या थी शुरू आता मे करती क्या थी ये कंपनी Adhesive चीजों में काम करती थी सबसे पहले ये समझ लेते हैं कि आखिर ये Adhesive होते हैं क्या
What is Adhesive ?
Adhesive एक ऐसा प्रॉडक्ट होता हैं जो चीजों को चिपकाया जा सके जैसे की ग्लू लेकिन यहाँ पर सवाल खड़ा ये होता हैं बलवंत पारेख जी को adhesive मार्केट में ही क्यों इंटर करना था इतने सारे बिज़नस try कर लेने के बाद भी उनका intersert adhesive मार्केट में ही क्यों गया तो इसके दो रीज़न हैं तो इन दोनों रीज़न को हम लोग डिटेल में समझते हैं
सबसे पहला और सबसे मेन रीज़न ये हैं कि उस टाइम पर कार्पेंटर जो ग्लू को use करते थे वह था एनिमल फेट जिसे use करने में carpenters को बहुत ज्यादा problems फ़ेस करने पड़ते थे
क्योंकि पहले उन्हे उस ग्लू को पहले उन्हे पिघलना पड़ता था और फिर उसे लिकिड के फॉर्म में लाना पड़ता था और इस प्रोसैस में उसकी दुर्गंध बहुत ज्यादा बुरी हुआ करती थी जिसे कार्पेंटर उसे use करने में हिच किचते थे
दूसरा सबसे इंपोर्टेंट पार्ट ये था कि इस क्षेत्र में कोई बड़ा ब्रांड ध्यान ही नहीं दिया था और इस क्षेत्र में केवल छोटे – छोटे व्यापारी ही मह्ज्जूद थे तो इस चीज में बलवंत पारेख जी ने अपरचूनटी देखी तब बस फिर क्या था

उन्होने एनिमल फेट को हटा कर synthetic resin को use करके Fevicol को बनाना शुरू कर दिया और उन्होने ये देखा कि उनका ये फॉर्मूला वर्क भी कर रहा हैं और बहुत से लोग fevicol को use भी करने लगे उर ऐसा इस लिए भी हो रहा हैं क्योंकि उस टाइम पर बहुत सारे इंडियन उस टाइम पर शाकाहारी थे और ऐसे में एनिमल का फेट का use करना लोग हीच किचते थे
और जो एनिमल यानि की जानवर से बना ग्लू लंबे समय तक टिकते भी नहीं थे चाहे कार्पेंटर कितनी भी अच्छे से काम कर ले वह जो भी ग्लू बनते थे वह लंबे समय तक नहीं चल पते थे तो इन सब का सारा प्रॉबलम दूर किया fevicol ने अब तो हम लोगो ने ये तो समझ लिए कि बलवंत पारेख जी ने इस मार्केट को ही क्यों ट्रागेट किया Fevicol case study
और फैविकोल को इतना बड़ा ब्रांड कैसे बनाया और fevicol ने इतना बड़ा मार्केट को कैप्चर किया तो fevicol को सफल बनाने के लिए बलवंत पारेख जी बहुत ही आलिमट straggles Use किया था जो था
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Direct मार्केटिंग का रिटेल सिगमेंट को ट्रागेट करने से पहले वह direct fevicol को बेचना शुरू किया वह कोटेक्टर को direct कोंटेट करना शुरू किया और उन्हे ये बता कि फैविकोल को use करने से उन्हे क्या बेनीफिट मिल सकते हैं
तब उस समय फैविकोल कार्पेंटर सबसे ज्यादा use करने लगे और जैसे उन्होने देखा कि इंडिया में फैविकोल बहुत ज्यादा फेमस हो रहा हैं तो उन्होने अपने प्रॉडक्ट को भी भिन्न -भिन्न प्रॉडक्ट में बटने शुरू कर दिये और यहाँ पर पारेख जी ने बहुत अच्छे straggled ये use किए
और उन्होने ये सोचा की इस क्षेत्र में “One Stop solution for adhesive market” बन जाए चाहे वह distubutar के लिए हो चाहे डीलर के लिए हो चाहे आल्टीमेंट कस्टमर के लिए हो ये Pidilite हर उस कंपनी को खरीद लिया था जो इसे टकर ले रही थी और ऐसा कर के उन्होने अपना प्रोटोफोलिओ बहुत बड़ा बना लिए Fevicol case study
जिसमें ” M- Seal, Steel grip, Roff Sargent Art, Colstar et” ऐसे और बहुत सारे ब्रांड थे तो इस सब से हमें ये समझ आता हैं कि मार्केट में हम कोई भी adhesive बाइ करे पैसे तो एक बैंक अकाउंट में जाना हैं
इनके अलावा इंका सफलता का एक और राज हैं intelient प्रचार और प्रसार का फैविकोल का मजबूत जोड़ हैं टूटगा नहीं ये सारे प्रचार और प्रसार लोगो के दिमाग में इतने अच्छे से बैठ गए हैं हम लोगो को इतना अच्छा लगता हैं इनका प्रचार हम लोग जब भी मार्केट में ग्लू खरीदने जाते हैं तब हम कभी ग्लू नहीं कहते हैं
हम कहते हैं फैविकोल दे दो भाई बेसकली फैविकोल ने इंडिया कि नीड़ को समझा और उसे फूल फिल भी किया ये फैविकोल कार्पेंटर के बीच में फेमस नहीं फैविकोल बच्चों के बीच में भी बहुत ज्यादा फेमस हैं बेसकाली स्टेनरी मार्केट में फैविकोल छा चुका हैं
How does it affect the Financials of Pidilite Industries?
हम लोग फ़ाइनेंष्यल कहा पर देखने जाते हैं नहीं हम लोग जाते हैं कुछ गिनी चुनी साइट पर जैसे ticker जैसे ticker पर हम लोग जाते हैं तो सर्च करते हैं Pidilite और उसके प्रॉफ़िट और loss को चेक करे यहाँ पर हमे ये देखने को मिलता हैं कि Fevicol case study
यानि कि इनका net सेल बहुत ज्यादा ऊपर नीचे नहीं यानि की समान हैं 2017 से 2011 तक देखे तो इनका नेट सेल बढ़ा ही हैं और रही consolidated Net प्रॉफ़िट की तो वह भी बढ़ा ही हैं 2017 से 2021 -2022 में भी और अगर इनका एयर्न अगर लगातार हो रहा हैं
तो और अगर हम लोग इनका कॅश फलो चेक करे तो operating काश फलो हर साल बढ़ा ही हैं तो इने covid जैसे चीजों से इन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं 2020 से 2021 में इनका काश इतना ज्यादा इम्पाक्त नहीं हुआ यानि के जो इनके पास इतना ज्यादा पैसा हैं
ये पैसा इन्हे नया कंपनी को खरीदने में और कोई नया चीज में इन्वेस्ट करने के लिए और इन सब फेक्टर के में काम करता हैं और अगर कंपनी के रैशियो कि बात किया जाए तो ROE और ROCE कि बात किया जाए तो वह काफी ज्यादा अच्छे हैं और अगर हम लोग इसके कर्ज की तो वह भी 0.02% हैं
वह भी बहुत ही कम और अगर हम लोग इसके प्रमोटर कि बात करे तो और इनके कंपनी में प्रोमोटर होल्डिंग भी बहुत ज्यादा हैं और कंपनी के मुक़ाबले 69.99% other में जीरो हैं तो ये ओवर viwe था pidilite का और अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आए हो तो कमेंट में जरूर लिखये गा और जो भी गलती हो तो अपना सलाह जरूर दीजिये गा