What is face value of share | क्या होता हैं share की face Value

Introduction

यानि की जब भी हम स्टॉक मार्केट मे इन्वेस्ट करने के लिए सोचते हैं या फिर कुछ खोजने के कि बात करते हैं या रिसर्च करने के लिए सोचते हैं तो ऐसे बहुत से चीज होता हैं जो हमें समझ नहीं आता हैं और what is face value of share इन सब को समझना बहुत जरूरी होता हैं और समझने के साथ ये भी जानना होता हैं कि इसका मतलब क्या होगा

और अगर हमें किसी चीज का सही अर्थ नहीं पता हो तो शायद हम गलत निर्णय ले ले तो हम लोग आज समझने वाले हैं स्टॉक मार्केट के फ़ेस वैल्यू के बारे मे ये तो देखने में भले छोटा लग रहा हैं

लेकिन इसका अर्थ न पता होने पर गलत निर्णय लेते हैं और लोग Face value, Market Value, Book Value और तीनों में भी confused हो जाता हैं और आज हम इस तीनों को ध्यान से समझेगे

what is face value of share in india
Face Value Of Share

What is Face Value | what is face value of share

फ़ेस वैल्यू क्या होती हैं तो फ़ेस वैल्यू को Par वैल्यू भी कहा जाता हैं फ़ेस वैल्यू किसी भी स्टॉक का original वैल्यू होती हैं जब कोई कंपनी लीगल तरीके से स्टार्ट होता हैं और वह अपने शेयर को लाती हैं

मार्केट में और ये कंपनी जब भी इस शेयर को प्राइस पर अपने शेयर को Declare करती हैं उसे ही फ़ेस वैल्यू कहा जाता हैं और कंपनी स्टार्ट होने से पहले उनके शेयर को प्रोमोटर और उनके founder ही सभालते हैं और बाद में अपने कंपनी के आवश्काता अनुसार IPO में सेल कर देते हैं

जैसे मैने कोई एक कंपनी स्टार्ट कि ABC Limited और उसे 1 लाख शेयर में बाँट दिया और हर एक शेयर का फ़ेस वैल्यू रखा 10 रुपया और लगभग सभी कंपनी का शेयर फ़ेस वैल्यू 10 रुपया ही होता हैं खास कर इंडियन कंपनी कि और इस कंपनी का founder IPO लाना चाहता हैं और हो सकता हैं

इस कंपनी के founder IPO के टाइम पर इसका फ़ेस वैल्यू ज्यादा में बेचा जाए जैसे 10 रुपया पर न बेच कर 200 रुपया पर बेचा जाए और जितना ज्यादा IPO के टाइम शेयर का फ़ेस वैल्यू होगा वह आपका हो जाएगा Share Premium और आपका शेयर प्रीमियम हो जाएगा

190 रुपया face value को IPO के शेयर प्राइस से घटा देना होगा तब आपका शेयर प्रीमियम आ जाएगा जैसे IRCTC कंपनी का IPO आया था तब उसका फ़ेस वैल्यू था 10 रुपया लेकिन IPO के टाइम में उसका शेयर प्राइस था 315 रुपया तो फ़ेस वैल्यू आपको समझने में कोई परेशानी नहीं हुआ होगा |

Importance of face Value | फ़ेस वैल्यू इतना इंपोर्टेंट क्यों हैं

Calculation of Dividends

फ़ेस वैल्यू के दो सबसे इंपोर्टेंट काम होते हैंतो फ़ेस वैल्यू का पहला काम होता हैं Dividends को बांटने के समय में तो कंपनी हमें सा अपने dividends को अपने फ़ेस वैल्यू पर ही इन्वेस्टर को dividends देती हैं

जैसे कोई ABC लिमिटेड कंपनी ने Dividends को बांटने के लिए घोषण किया 150% डिविडेंड का तो इसका मतलब 150% उसके फ़ेस वैल्यू पर गणना होगा मतलब 10*150/100=15 तो हर एक शेयर पर 15 रुपया dividends मिलेगा लेकिन जो शेयर मार्केट में नए होते वह सोकते हैं कि

जो हमारा dividends होता हैं what is face value of share वह कंपनी के मार्केट प्राइस पर होता लेकिन ये सच नहीं होता हैं और डिविडेंड हमें हमेशा फ़ेस वैल्यू पर मिलता हैं

Calculation Of Premium

जैसा कि हम लोग समझा कि फ़ेस वैल्यू के साथ प्रीमियम निकाल सकते हैं जैसे IRCTC के केश में Share Premium था 305 रुपया और आब समझते हैं कि फ़ेस वैल्यू क्या हमेशा वही रहता हैं या फिर बदलता रहता हैं वैसे तो फ़ेस वैल्यू नहीं बदलता हैं लेकिन कुछ केश में फ़ेस वैल्यू बदल सकता हैं

जैसे कि Stock Split इसमें एक शेयर को कंपनी कई पार्ट में इसके फ़ेस वैल्यू को बदल देता हैं जिसके वजह से आपका फ़ेस वैल्यू कम हो जाता हैं

जैसे कोई ABCD कंपनी का फ़ेस वैल्यू हैं 10 रुपया और share split किया जाता हैं 2:1 के रैशियो में जिसका मतलब होता हैं हर एक share को दो भागों में बांटने तो ऐसा करने में फ़ेस वैल्यू कम हो सकता हैं जब कंपनी लगातार लॉस कर रही होती हैं तब भी कंपनी अपने लॉस को राइट up करने के लिए फ़ेस वैल्यू को बढ़ा सकती हैं

  • Face Value
  • Market Value
  • Book value

तो हम लोग Face value को समझ लिए हैं और हम लोग समझते हैं मार्केट वैल्यू और बूक वैल्यू क्या होता हैं

Market Value

तो मार्केट वैल्यू किसी भी share के current Price को डेनोट करता हैं ये वही price होता हैं जिस पर share मार्केट पर ट्रेड कर रहा होता हैं और ये प्राइस हर समय हर वक्त बदलता रहता हैं अपने हमेशा देखा होगा किसी भी share का market value उसके Face वैल्यू से हमेशा ज्यादा ही रहता हैं

बस low share को छोड़ कर जैसे कुछ Penny Stocks होते जिसका face value तो 10 रुपया होता हैं लेकिन Market Value होता हैं 1 रुपया 2 रुपया 3 रुपया और जैसे Hindustan Unilever, IRCTC Reliance Industries Ltd इनका face वैल्यू 10 या उसे कम होता हैं लेकिन इनका share प्राइस हमेशा ज्यादा ही होता हैं

Book Value 

सरल भाषा में समझे तो बूक वैल्यू मतलब कंपनी का वैल्यू कल को अगर कंपनी liquidated होती हैं तो उसके सारे assets को बेच कर और सारे Liabilities को पे करके जो पैसे बच जाएगे वह share होल्डर को मिलेगे तो उस वैल्यू को हम लोग कहेगे book value of share

जैसे – कोई abcd कंपनी बिक रहे हैं 100 रुपए में और उसके दो शेयर होल्डर हैं तो उन दोनों share होल्डर को 50 – 50 रुपया मिलेगा बूक वैल्यू हमें ये बताता हैं कि एक share के पीछे कंपनी के कितने रुपए के एसेट हैं

और अगरकोई कंपनी liquidated हो जाती हैं तब हर एक शेयर होल्डर को 88 रुपया मिलेगा और अगर आप किसी कंपनी का बूक वैल्यू देखना चाहते हैं तो सर्च करके NSE के साइट पर जा कर देख सकते हैं

Conclusion

तो जैसा कि हम ने समझा Face value, Market Value, Book value इन तीनों को समझ चुके Face वैल्यू बस एक शेयर का प्राइस हैं जो कंपनी के बूक में record होना जरूरी हैं और इस प्राइस को कंपनी के managements ही करता हैं और ये फ़ेस वैल्यू आपका Dividend Calculations, market price, Premium calculations में भी काम आता हैं और इसका मार्केट से कोई सबंध नहीं होता हैं

जो को जनरली फ़ेस वैल्यू से ज्यादा ही होता हैं और फ़ेस वैल्यू हमेशा फ़िक्स्ड होती हैं और जब तक कंपनी स्टॉक को split न करे ऐसे तो फ़ेस वैल्यू एक बहुत बढ़िया चीज हैं जिसे हम Market Value, book value, Intrinsic Value कि गणना कर सकते हैं और ये सब चीज कंपनी को फंडामैंटल रिसर्च करने में बहुत काम आता हैं

लेकिन आपको हमेशा ध्यान देना हैं कि कंपनी कि फ़ेस वैल्यू उस कंपनी के true वैल्यू कभी नहीं होता हैं और आज का आर्टिकल आपको समझ जरूर आया होगा तो आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा कर सकते हैं  

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