what is margin trading in share market in hindi | मार्जिन ट्रेडिंग किसे कहते हैं

परिचय

हमने अपने बड़े बुजुर्ग से अक्सर कहते यही सुना हैं की जितना चादर हो पैर उतना ही पसारना चाहिए लेकिन जब हम ट्रेडिंग करते हैं तो ये कहावत सही साबित नहीं हो पाती हैं कि जो ब्रोकर अपने ट्रेडर को मार्जिन जो देते हैं और आज हम बात करने वाले हैं मार्जिन ट्रेडिंग के बारे में और जानेगे मार्जिन से रिलेटेट सब कुछ जैसे कि मार्जिन ट्रेडिंग क्या होती हैं इसके क्या फायदा और क्या नुकसान हैं what is margin trading in share market in hindi

Margin trading in the share market
Margin trading in share market

देखा जाए तो मार्जिन ट्रेडिंग ट्रेडर के दुनिया में बहुत ही फेमस हैं तो जानते हैं मार्जिन ट्रेडिंग का मतलब क्या हैं और कैसे ये काम करता हैं मार्जिन ट्रेडिंग में ब्रोकर कंपनी ट्रेडर को ज्यादा पैसे इन्वेस्ट करने के लिए देते हैं जैसे कि अगर हमारे पास कम पैसे हो तब पर भी हम ज्यादा शेयर buy कर सकते हैं

तो ये डिपेंड करता हैं आपके ब्रोकर पर आपको अलग – अलग ब्रोकर पर अलग – अलग मार्जिन ब्रोकर द्वारा दिया जाता हैं जैसे कि Large Cap Stocks के लिए आपको ज्यादा मार्जिन मिलता हैं

और Small & Mid Cap Stocks कंपनी के लिए आपको कम मार्जिन मिलता हैं तो इस मार्जिन से आप stock, bonds, ETF, या और कोई मार्केट से चीज खरीद सकते हैं what is margin trading in share market

What is Margin Trading

What is Margin Trading  – जैसे मैने निर्णय कोई भी ABC Limited कंपनी से शेयर खरीदना चाहता हूँ जो 10 हजार रुपया का हैं और हमारे पास 5 हजार रुपया हैं केश के रूप में और हमारा ब्रोकर दो टाइम तक मार्जिन दे सकता हैं तो उस शेयर को खरीदने के लिए

हम अपने तरफ से 5 हजार रुपया लगाया और 5 हजार रुपया हमारा ब्रोकर ने दिया जिसमें मैने demat अकाउंट open किया था और आप सोचिए 10 हजार का इनवेस्टमेंट हो गया 12 हजार रुपया मतलब कि मुझे 25 % का रिटर्न्स मिल गया देखा जाए तो हमने पैसे लगे था 5 हजार रुपया तो मेरे हिसाब से हमे 50 % का रिटर्न्स मिलना चाहिए what is margin trading in share market

और मार्जिन ट्रेडिंग कुछ इस प्रकार से हमें बेनीफिट देता हैं लेकिन इनवेस्टमेंट तो कम करते हैं लेकिन प्रॉफ़िट अच्छा खासा हो जाता हैं लेकिन जहां हम बात कर रहे प्रॉफ़िट कि तो यहाँ पर हमे ये भी ध्यान देना चाहिए कि जरूरी नहीं कि हमें प्रॉफ़िट ही हो यहाँ पर लॉस भी हो सकता हैं

जैसे अगर 25% का लॉस होता हैं तो ये हमार पूरा लॉस होता 50% का यानि कि पूरा 5 हजार रुपया का आखिर अब सवाल उठता हैं कि ये सारे ब्रोकर इतना मार्जिन कैसे देते हैं कैसे ही मेरे ही प्रॉफ़िट और लॉस होगा वह ब्रोकर मेरी हेल्प करने के लिए ऐसा कर रहा हैं

तो इसका जबाब हैं brokerage जो भी brokerage ट्रेडिंग से कमाते हैं वह हमारा ब्रोकर brokerage डीडेक्ट करता हैं और तो और ये मार्जिन ब्रोकर हमें तभी देता हैं जब हम कोई Initial मार्जिन उस ब्रोकर के पास जमा करते हैं

Initial मार्जिन  

“Initial मार्जिन मतलब आपको एक Certain Percentage of amount अपने total traded value pre – determined by the broker” यानि कि कुछ पैसा ब्रोकर के पास आपको रखना होगा ताकि कल को आपको कोई लॉस होता हैं तो आपका अकाउंट balance आउट हो जाए और ऐसा नहीं होता हैं

तो बाहर आता हैं मार्जिन call margin call तब होता हैं जब आपका ट्रेडिंग अकाउंट मिनिमम बैलेन्स से कम बैलेन्स हो और what is margin trading in share market ऐसा तब होता हैं जब आपको किसी ट्रेड में लॉस हो जाए तब आपको ब्रोकर आपको आपके अकाउंट में और पैसे add करने के लिए बोलेगा और अगर इन्वेस्टर पैसा नहीं डालता हैं

तब इस केश में क्या होता हैं ब्रोकर आपके सारे शेयर को मार्केट प्राइस पर सेफ्ट कर देता हैं अब आपको मार्जिन ट्रेडिंग के बेसिक कान्सैप्ट तो समझ आ गया होगा

इसके क्या लाभ और क्या हानि हैं जिसे Advantages और Disadvantages भी कहते हैं

Advantages

अगर हम लोग बात कर advantages कि तो ये शॉर्ट टर्म में अच्छे पैसे कमाने का एक अच्छा तरीका हो सकता हैं जब आप मार्जिन ले कर ट्रेड करते हैं तब आप एक बड़ी Quantity पर काम करते हैं जिसे आप थोड़े से मुवेमेंटसे अच्छा खासा पैसा बना सकते हैं जैसा कि हम लोग पहले शुरू में समझा था कि

हमारे पास तो थे 5 हजार रुपया लेकिन हमने ट्रेड लिए था 10 हजार रुपया का और 50% का प्रॉफ़िट बनाए मार्जिन ट्रेडिंग आपको हेल्प करता हैं ज्यादा पैसा कमाने में और अगर हमें मार्जिन ट्रेडिंग करना हैं तो अपने portfolio को एज़ a कोलेटरल रख सकते हैं जिसके बदले में हमें हमारे ब्रोकर से हमें मार्जिन मिल सके

इसमें एक और बेनीफिट है कि मार्जिन का सारा खेल SBEI के नियम के अनुसार होता हैं जहां पर इसके advantages है वही पर इसके कई सारे disadvantages भी हैं

Disadvantages

 जहां पर हम मार्जिन ट्रेडिंग के द्वारा प्रॉफ़िट को maxim कर सकते और वही पर इसमें हाइ रिस्क भी हैं जहां पर हम इसमें ज्यादा पैसे कमा सकते हैं वही बहुत सारा लॉस भी कर सकते हैं

और जैसा कि हमने देखा था इनमें minima बैलेन्स मैटेन करना ही पड़ता हैं और अगर आप मिनिमम बैलेन्स मेटेन नहीं कर पाए तो तो उसे मैटन कर और अपने पोर्टफोलियो को कोलेटरल रखते हैं तो उस पर भी रिस्क होता हैं

कल को आपके सारे इनवेस्टमेंट को बेच कर अपना पैसा recover कर लेगा तो इन सब से हमें ये समझ आता हैं कि मार्जिन ट्रेडिंग रिस्क से भरा ही हैं और अगर हमें लॉस हो जाते हैं तो हमें अपने amount से ज्यादा amount खो सकते हैं आशा करता हूँ आपको मार्जिन ट्रेडिंग के बारे में समझ आ गया होगा    

Trading margin से रिलेटे कुछ प्रश्न हैं

what is margin trading in share market

Q1. मार्जिन ट्रेडिंग कैसे होती है?

Ans. मार्जिन ट्रेडिंग में ब्रोकर निवेशक के कुल शेयर के खरीद और बेच का केवल एक प्रतिशत स्टॉक खरीदने का अनुमति देता हैं ब्रोकर

 Q2. मार्जिन से आप क्या समझते हैं? | ट्रेडिंग में मार्जिन का उपयोग क्या होता है?

Ans. किसी व्यकित द्वारा अपने demat अकाउंट या ब्रोकर कंपनी में रखा गया आपके कुल मूल्य का बीच का अंतर होता हैं और मार्जिन का अर्थ हैं जब किसी समान को EMI पर खरीदा जाए और उस पे लगाए जाने वाला अतिरिक्त पैसा ही मार्जिन कहलाता हैं

 Q3. क्या मार्जिन ब्याज प्रतिदिन लिया जाता है?

Ans. मार्जिन प्रति दिन नहीं लाया जाता हैं लेकिन मार्जिन प्रतिदिन कमाया जाता हैं और इस महीने में चार्ज काटा जाता हैं जब आपके खाते में आपके लिमिट से कम पैसे रहते हैं और अगर आपको मार्जिन निकालना हैं

तो इस फार्मूले का प्रयोग कर सकते हैं जैसे प्रतिदिन का व्याज और साल भर का ब्याज और जो आपका पैसा काटा हैं मार्जिन में और उसके बाद 360 से भाग कर देना हैं  

Q4. क्या आप बिना बेचे मार्जिन लोन चुका सकते हैं? | मार्जिन कॉल कैसे खत्म होता है?

Ans. मार्जिन से बचने के लिए आप मेंटेनेंस मार्जिन निर्धारित कर सकते हैं और जब आपका अकाउंट उस लिमिट तक छु ले तब आप तब आप अतिरिक्त पैसा रख करके आप मार्जिन से बचसकते हैं

Q5. पीक मार्जिन उदाहरण क्या है?

Ans. PK मार्जिन वह कम से कम मार्जिन होता हैं जो ब्रोकर द्वारा अपने कस्टमर को डेरिवेटिव सेगमेंट समय किसी भी इंट्राडे/डिलीवरी ऑर्डर देने से पहले लिया जाता हैं या आप इसे ले सकते हैं

Q6. मार्जिन कॉल लिमिट क्या है?

Ans. देखे मार्जिन कल तब होता हैं जब कोई ट्रेडर अपने मार्जिन अकाउंट से अपने मूल्य के BSE और NSE एक्सचेंज के मेंटेनेंस मार्जिन से कम होता है, तब मार्जिन कॉल होती है  

Q7. मार्जिन पर ट्रेड करने में कितना खर्च आता है?

Ans. मार्जिन पर ट्रेड करने पर आपके amount के हिसाब से आपका खर्च आता हैं

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